एआरटीओ पर हो सकती है कार्रवाई, प्रभारी मंत्री से हुई शिकायत

एआरटीओ पर हो सकती है कार्रवाई, प्रभारी मंत्री से हुई शिकायत



देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। जिले के प्रभारी मंत्री अशोक कटारिया अपने निर्धारित कार्यक्रम के अंतर्गत शनिवार लखीमपुर पहुंचे। जहां उन्होंने विकास कार्यों की समीक्षा की। बैठक खत्म होने के बाद तिकोनिया बस यूनियन के पदाधिकारी प्रभारी मंत्री से मिले और उन्होंने एआरटीओ बीके सिंह पर बस फिटनेस के नाम पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया। जिस पर प्रभारी मंत्री ने कार्यवाही का आश्वासन दिया है।
बस यूनियन तिकुनिया के अध्यक्ष मोनू राणा ने प्रभारी मंत्री को  ज्ञापन दिया और उन्होंने प्रभारी मंत्री से बताया कि आरटीओ कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। दलालों की कार्यालय में पेट के साथ ही एआरटीओ द्वारा भी भ्रष्टाचार को बढ़ावा दिया जा रहा है। इन्हीं शिकायतों के चलते अभी कुछ रोज पहले खीरी पहुंचे मंडलायुक्त ने भी आरटीओ कार्यालय का निरीक्षण किया था और कार्यों को सुधारने के निर्देश एआरटीओ को दिए थे। परंतु अभी तक एआरटीओ बीके सिंह की कार्यशैली में कोई सुधार नहीं हुआ है। बस यूनियन ने एआरटीओ बीके सिंह पर गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए हैं। यूनियन ने प्रभारी मंत्री से कहा है कि बस की फिटनेस के नाम पर एआरटीओ 20 हजार रुपए लेते हैं। ऐसा न करने पर वह बस मालिकों पर अनावश्यक दबाव बनाते हैं। बस यूनियन ने आरटीओ कार्यालय में दलालों द्वारा काम किए जाने की भी शिकायत की आरोप लगाया। कार्यालय में बिना दलालों के कोई भी काम नहीं होता है। प्रभारी मंत्री अशोक कटारिया ने मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्यवाही का आश्वासन दिया है।

दलालों का अड्डा बन गया है आरटीओ कार्यालय

आपको डीजल बनवाना हो या अपनी गाड़ी का रजिस्ट्रेशन कराना हो, गाड़ी की फिटनेस करानी हो या फिर आरटीओ ऑफिस से जुड़ा छोटा सा छोटा काम, इन सबके लिए आपको बेहद मशक्कत करनी पड़ेगी, लेकिन अगर आप इसे आसानी से करना चाहते हैं तो आप दलालों का सहारा ले लीजिए। क्योंकि आरटीओ ऑफिस के बाहर दलालों का जो जमावड़ा लगा है वह हर काम को मिनटों में करा लेता है। बस इसके लिए आपको सुविधा शुल्क देना पड़ेगा। यह सुविधा शुल्क काम के हिसाब से होता है 500 रुपए से शुरू होने वाला यह सुविधा शुल्क 5 हजार तक हो सकता है। वहीं बड़ी गाड़ियों से जुड़ा हुआ कोई भी काम 5 हजार से 20 हजार रुपए तक हो सकता है। अगर आप दलालों का सहारा नहीं लेंगे तो आपको आरटीओ ऑफिस में बाबुओं द्वारा सिर्फ चक्कर लगवाए जाएंगे। ऐसे में मजबूर होकर आपको फिर दलालों के पास जाना होगा। आरटीओ कार्यालय में तैनात बाबू ऐसा इसलिए करते हैं क्योंकि दलालों से उनकी सीधी सांठगांठ है और उनके माध्यम से उन्हें अच्छा पैसा भी मिल जाता है। यह भ्रष्टाचार लंबे समय से चल रहा है इसे लेकर कई बार शिकायत भी हो चुकी है। प्रदेश के कई अधिकारी आरटीओ ऑफिस का निरीक्षण कर चुके हैं इसके बावजूद यह भ्रष्टाचार खत्म होने का नाम नहीं ले रहा। इसी के बीच प्रभारी मंत्री से एआरटीओ की हुई शिकायत अब लोगों में चर्चा का विषय बन गई है।

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