कोरोना पड़ा भारी, पंडित जी की जगह अमेरिकी जज को करवानी पड़ी शादी
लॉकडाउन के बीच सात समंदर पार ऑनलाइन हुई दो हिंदुस्तानियों की शादी
देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क
लखीमपुर-खीरी। तारीख माह और दिन सब कुछ तय हो चुका था, बस इंतजार था उस शुभ घड़ी के आने का इसी बीच भारत सहित पूरे विश्व में कोरोना संकटकाल शुरू हो गया। विश्व भर में लॉक डाउन लग गया न कोई आ सकता था न कोई कहीं जा सकता था। ऐसे में अपने विवाह को करने का जो तरीका इस नव युगल ने निकाला वह अब उनके रिश्तेदारों, पहचान वालों और सोशल नेटवर्किंग साइट्स पर चर्चा का विषय बना हुआ है क्यों कि इस शादी समारोह को भारतीय परंपरा के अनुसार लखीमपुर में होना था, वह शादी समारोह अमेरिका में अमेरिकी व्यवस्था के तहत शुक्रवार को हुआ है, परंतु इसका ऑनलाइन प्रसारण भारत सहित तमाम देशों में किया गया।
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लखीमपुर शहर के एक प्रतिष्ठित परिवार के अक्षत आगा पुत्र अजय आगा अमेरिका में रहकर नौकरी कर रहे हैं। वह ग्रीनविल साउथ करोलाइना में कार्यरत हैं वहीं उनकी धर्मपत्नी बनी स्वेता भी अमेरिका के डलर में रहकर एमएस की पढ़ाई कर रही हैं वह भी भारतीय हैं।
अजय आगा बताते हैं की उनके पुत्र अक्षत की शादी ऑनलाइन संसाधनों के माध्यम से पुणे महाराष्ट्र में रहने वाली श्वेता से तय हुई थी। यह शादी इसी तारीख में लखीमपुर में होनी थी, जिसके लिए सभी तैयारियां पूरी कर ली गई थीं, परंतु अचानक कोरोना संक्रमण के चलते पूरे पारंपरिक कार्यक्रम को स्थगित करना पड़ा, परंतु उनके बेटे और बहू ने शादी की तारीख आगे न बढ़ाकर इसे यादगार बनाने का फैसला कर लिया और उन्होंने अमेरिका में एक आवेदन देकर अपनी शादी करने का फैसला किया। जिसके बाद शुक्रवार को अमेरिकी जज रेशेल की मौजूदगी में दोनों की शादी हुई और शादी का प्रमाण पत्र जारी किया गया। इस दौरान बेटे और बहू ने जूम एप के माध्यम से इसका लाइव प्रसारण करवाया जो लखीमपुर में उनके परिवार सहित सभी रिस्तेदारों ने देखा। इसके साथ ही यह प्रसारण दोनों ही पक्ष के रिश्तेदारों ने कनाडा, सिंगापुर, ऑस्ट्रेलिया, पेरिस, जर्मनी, न्यूयॉर्क और न्यूजर्सी सहित कई देशों में देखा गया। डिजिटल और नए आधुनिक संसाधनों का प्रयोग कर हुई यह शादी आज चर्चा का विषय बनी हुई है।
जहां बैठना था पंडित जी को वहां बैठे जज साहब
जिस शादी को भारतीय समारोह के रूप में और भारतीय परंपराओं के अनुसार होना था उस शादी को कोरोना और लॉकडाउन के चलते अमेरिका में संपन्न कराना पड़ा। शायद यही कारण रहा कि मंत्रोच्चारण के बीच होने वाली शादी अमेरिकी कानून के तहत हुई। जहां पंडित को होना था, वहां अमेरिकी जज रेशेल थे।
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