एक अच्छे काउंसलर में छह विशेषताओं का होना बेहद जरूरी है- डॉ. सीपी मल्ल
मानसिक चिकित्सालय बरेली में चल रही काउंसलर ट्रेनिंग के दूसरे दिन बताए गए काउंसलिंग के गुण
देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क
बरेली- मानसिक चिकित्सालय बरेली में प्रदेशभर से आए काउंसलर्स को एक माह का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इस प्रशिक्षण के दूसरे दिन चिकित्सालय के डायरेक्टर डॉ सीपी मल्ल ने काउंसलर को बेसिक काउंसलिंग की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी।
उन्होंने बोलते हुए कहा कि एक अच्छा काउंसलर बनने के लिए आप में बेसिक काउंसलिंग स्किल्स होनी चाहिए। एक अच्छा काउंसलर व्यक्ति की समस्या को सुनकर उसके उपचार में उसकी सहायता करता है, समस्या को समझने में मरीज की सहायता करता है। एक काउंसलर की क्वालिटी उसके पर्सनल इफेक्ट होते हैं। अगर बेसिक कौशल की बात की जाए तो एक काउंसलर को मतलब एक अच्छा श्रोता होता है जो मरीज की आंखों में आंखें मिला कर एक अच्छी भाषा में और अच्छे भावों के साथ उसे सुने और मरीज की समस्या जानने के लिए उससे ऐसे प्रश्न करें जो मरीज को बोलने का मौका दें। समस्या जानने के लिए उसे प्रोत्साहित करें। प्रेफरेंस ( वरीयता ) के जरिए उससे यह समझने का प्रयास करें कि वह उसकी समस्या समझ पाया है और उसकी फीलिंग ( भावनाओं ) को समझते हुए इंडिविजुअल ( व्यक्तिगत ) स्टोरी तैयार करें, समरी प्लान कर उसकी समस्या का हल निकाले, अगर ऐसा करने में कोई भी काउंसलर सार्थक नहीं होता है तो निश्चित तौर पर उसने सही तरीके से मरीज को काउंसिल नहीं किया है।
इस दौरान प्रोफेसर डॉ. सीपी मल्ल ने यह भी बताया कि एक काउंसलर्स को क्या नहीं करना चाहिए। एक अच्छे काउंसलर को कभी भी अपने मरीज को उपदेश नहीं देना चाहिए, कभी उससे झूठा भरोसा नहीं दिलाना चाहिए, न ही उसे झूठा वादा करना चाहिए, कभी भी उससे उसे हर्ट करने वाली भाषा में कुछ भी नहीं कहना चाहिए, मरीज से नकारात्मक बातें नहीं करनी चाहिए और काउंसलर्स का फोकस उसकी समस्या से अलग नहीं होना चाहिए।
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