देशभर के डॉक्टरों ने पारिस्थितिक तंत्र की बहाली पर की वेबीनार, एनसीडी सेल को मिला जागरूकता का जिम्मा

देशभर के डॉक्टरों ने पारिस्थितिक तंत्र की बहाली पर की वेबीनार, एनसीडी सेल को मिला जागरूकता का जिम्मा




देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क

लखीमपुर-खीरी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा विश्व पर्यावरण दिवस के उपलक्ष में नेशनल प्रोग्राम ऑन क्लाइमेट चेंज एंड हुमन हेल्थ द्वारा एक बेमीनार का आयोजन किया गया। वेबीनार की थीम इकोसिस्टम री-स्टोरेशन (पारिस्थितिक तंत्र की बहाली) रखी गई थी। इस सेमिनार में देशभर के एनसीडी सेल के अधिकारी जुड़े थे।


एनसीडी सेल लखीमपुर खीरी के इपिडेमियोलॉजिस्ट डॉ. राकेश गुप्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि वेबीनार को मुख्य रूप से डायरेक्टर एनसीडीसी डॉ. सुजीत के. सिंह सहित डब्ल्यूएचओ से ऐलीना वेलैलोबोस, बीएसए हॉस्पिटल दिल्ली से डॉक्टर रेनू गौर, सीजीकेएनसी से डॉ. क्लाएसेल्वी, पीएचएफटी से डॉ. पूर्णिमा प्रभाकर, एनसीडीसी से डॉ. आकाश श्रीवास्तव केसीडीसी से डॉ. रामेश्वर ने सेमिनार को संबोधित किया। वेबीनार में सभी जिलों के एनसीडी सेल के अधिकारियों ने प्रतिभाग किया।

डॉ. राकेश गुप्ता ने यह भी बताया कि वेबीनार में उच्चाधिकारियों द्वारा पर्यावरण संरक्षण के आधुनिक तरीकों पर व भारत में कार्बन उत्सर्जन को कम किए जाने, पर्यावरण को हो रहे नुकसान व उसे व्यवस्थित करने के बारे में बृहद रूप से जन जागरण करने की बात बताई गई।

सीनियर डॉक्टर द्वारा बताया गया कि विश्व भर में पर्यावरण में हो रहे नुकसान के चलते विश्व भर में भारी तबाही देखने को मिली है। 2015 चेन्नई की बाढ़, 2017 दक्षिण अमेरिका में कैलिफोर्निया जंगल में लगी आग, हमारे पर्यावरण को होने वाले नुकसान का नतीजा है। इसके अलावा भी लगातार विश्व पर्यावरण या कहें पारिस्थितिक तंत्र की बहाली, होने वाले नुकसानों को व्यवस्थित किए जाने पर बेहद जरूरी जानकारियां दी गई हैं। इसे लेकर भारत में भी वृहद स्तर पर जन जागरण की जरूरत है। बेमिनार में एफएलसी एनसीडी सेल विजय वर्मा, सोशल वर्कर अतुल पांडे, काउंसलर देवनंदन ने भी प्रतिभाग किया।

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