फाइलेरिया की दवा खा कर लाइलाज बीमारी से बच सकते हैं लोग- डॉ अश्वनी कुमार

फाइलेरिया की दवा खा कर लाइलाज बीमारी से बच सकते हैं लोग- डॉ अश्वनी कुमार





शोएब खान केडीएफ न्यूज़ नेटवर्क
लखीमपुर खीरी। फाइलेरिया जैसी लाइलाज बीमारी को रोकने के लिए स्वास्थ्य विभाग एक बड़े अभियान की शुरुआत करने जा रहा है इस अभियान के अंतर्गत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर लोगों को फाइलेरिया की दवा खिलाएंगे इसे लेकर स्वास्थ्य विभाग ने पूरा खाका तैयार कर लिया है इसी जानकारी को शुक्रवार दोपहर एसीएमओ डॉ. अश्वनी कुमार व एसीएमओ डॉ. वीसी पंत ने संयुक्त रूप से मीडिया के साथ साझा किया और लोगों से स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का सहयोग करने की अपील की।

 
प्रेस वार्ता के दौरान एसीएमओ डॉ. अश्वनी कुमार व एसीएमओ डॉ. वीसी पंत ने पत्रकारों से रूबरू होते हुए बताया कि 12 जुलाई से 26 जुलाई तक लोगों के घर-घर जाकर फाइलेरिया की दवा खिलाई जाएगी। जिसके लिए 4061 टीमें गठित की गई है। यह टीमें लोगों के घर-घर पहुंच कर फाइलेरिया की दवा जिसमें डीसी, एल्बेंडाजोल, व इवरमेक्टिन दवा लोगों को खिलाएंगे। जिससे फाइलेरिया का असर कम हो सके। जानकारी देते हुए उन्होंने बताया फाइलेरिया जैसी बीमारी मच्छर के काटने से होती है व बीमार व्यक्ति को 5 से 7 साल के बाद जानकारी हो पाती है कि वह फाइलेरिया से ग्रसित हैं। लक्षण के बारे में जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि यह बीमारी मनुष्य के लटके हुए हिस्सों में होती है। इसके लक्षण मुख्य रूप से खुजली, जलन व पैरों का फटना होते हैं। यह इतनी खतरनाक बीमारी है कि जिस का अभी तक कोई इलाज नहीं है, सिर्फ इसको रोका जा सकता है, लेकिन जड़ से खत्म नहीं किया जा सकता। इसलिए इसकी दवा लोगों के लिए बहुत जरूरी है। साथ ही उन्होंने बताया कि टीबी से ग्रसित लोगों को यह दवा नहीं दी जाएगी व 2 साल से कम बच्चों को भी यह दवा नहीं दी जाएगी। अखबारों के माध्यम से डॉ. अश्विनी कुमार ने जनता से अपील भी की कि हमारी टीम के सामने ही सभी लोग दवा खाएं। जिससे अगर दवा का कोई साइड इफेक्ट होता है तो तुरंत उपचार मिल सके।

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