श्रावण मास का है विशेष महत्त्व, सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं

श्रावण मास का है विशेष महत्त्व, सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं



देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क डेस्क
सनातन धर्म की पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, सावन माह को भगवान शिव का माह माना जाता है। हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष श्रावण माह 25 जुलाई दिन रविवार से 22 अगस्त दिन रविवार तक रहेगा। 

यह पूरा माह भगवान शिव की उपासना के लिए सबसे उत्तम महीना माना जाता है।

पं. कमल किशोर मिश्र बताते हैं कि शास्त्रों में वर्णित है सावन महीने में भगवान विष्णु योगनिद्रा में चले जाते हैं। इसलिए ये समय भक्तों, साधु-संतों सभी के लिए अमूल्य होता है। यह चार महीनों में होने वाला एक वैदिक यज्ञ है, जो एक प्रकार का पौराणिक व्रत है, जिसे 'चौमासा' भी कहा जाता है; तत्पश्चात सृष्टि के संचालन का उत्तरदायित्व भगवान शिव ग्रहण करते हैं। इसलिए सावन के प्रधान देवता भगवान शिव बन जाते हैं।
भगवान शिव को सावन का महीना प्रिय होने का अन्य कारण यह भी है कि भगवान शिव सावन के महीने में पृथ्वी पर अवतरित होकर अपनी ससुराल गए थे और वहां उनका स्वागत अर्घ्य और जलाभिषेक से किया गया था। माना जाता है कि प्रत्येक वर्ष सावन माह में भगवान शिव अपनी ससुराल आते हैं। 

भू-लोक वासियों के लिए शिव कृपा पाने का यह उत्तम समय होता है।सावन में सच्ची श्रद्धा के साथ शिव पूजन से व्यक्ति के सभी दुख दूर हो जाते हैं शिव भक्त सावन में कांवड़ लेकर आते हैं और गंगा जल से शिव जी का अभिषेक करते हैं जिससे भक्तों की सभी मनोकामनायें पूर्ण होती है।



               पं कमल किशोर मिश्रा
              लखीमपुर खीरी
               9161007456

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