शुभम ने आईआईटी जेईई एडवान्स परीक्षा मे प्राप्त की सफलता
परिवारी जनों ने एक दूसरे को मिठाई खिलाकर बाँटी खुशियां
देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क
गोला गोकर्णनाथ खीरी। कहते हैं कि जब इरादा मजबूत हो और ईमानदारी से मेहनत की हो तो मेहनत जरूर रंग लाती है इसी बात को मध्यम वर्गीय परिवार में रहने वाले 16 वर्षीय शुभम ने हाल ही में आए आईआईटी जे ई ई एडवांस एंट्रेंस रिजल्ट में अच्छी रैंक लाकर सफलता अर्जित कर साबित कर दिया है। और फिर सफलता क्यों ना कदम चूमे जब कठिन परिश्रम के साथ पिता का उचित मार्गदर्शन भी मिलता रहे।
जिला लखीमपुर खीरी के गोला गोकरण नाथ के निवासी शुभम शर्मा के पिता एन के शर्मा (प्रवक्ता गणित) ने बताया की शुभम की दिलचस्पी शुरुआत से ही गणित मे रही, जिसका परिणाम यह रहा कि दसवीं कक्षा में भी शुभम ने गणित में शत-प्रतिशत नंबर अर्जित किए थे और इसी सत्र (2021) इंटरमीडिएट की परीक्षा में भी कॉलेज टॉप किया था। शुभम ने शुरुआत से ही आईआईटी जेईई एडवान्स परीक्षा को पास करने का लक्ष्य बनाया हुआ था, जिसको देखते हुए शुभम की गणित को कहीं भी कमजोर नहीं होने दिया गया।
शुभम ने बताया कि जिस प्रकार आईआईटी जेईई एडवान्स को लेकर बहुत पहले से ही लक्ष्य बनाकर पढ़ाई शुरू कर दिया था। जिसको देखते हुए परीक्षा को पास करना इतना कठिन नहीं लगा। और जब हर कदम पर मेरे पिता का एक अच्छे मार्गदर्शक की तरह सहयोग मिलता रहा, जिस वजह से सफलता मिलने तक का सफर कितनी आसानी से कट गया, इस बारे में पता ही नहीं चला। शुभम ने बताया कि इस सफलता का श्रेय माता-पिता व चाचा-चाची समेत घर के सभी सदस्यों को जाता है क्योंकि बिना सभी के सहयोग के पढ़ाई पर इतना समय दे पाना संभव नहीं था। और विशेष सहयोग हर कक्षा में मिलने वाले सभी गुरुओं का भी रहा है, गुरु से भी मिला सकारात्मक सहयोग इस सफलता में काफी अहम भूमिका अदा करता है। फिलहाल जब 15 अक्टूबर को आईआईटी जेईई एडवान्स का रिजल्ट निकला जिसमें शुभम की ओबीसी रैंक 8767 रही। जिसको देखकर शुभम के घर में खुशी का माहौल छा गया और शुभम के चाचा जगत पाल शर्मा तुरंत ही मिठाई लाकर सभी को बांटने लगे और शुभम को इसी तरह से तरक्की करने का आशीर्वाद दिया। सभी लोग एक दूसरे को मिठाई खिलाकर खुशियां बांटने लगे। शुभम ने अपने माता-पिता समेत सभी के चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया और भगवान शंकर जी को प्रसाद चढ़ा कर आशीर्वाद लिया। और इसी तरह से ही भविष्य में आगे भी मेहनत करने का वचन दिया।
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