...गरमा गया नगर पालिका लिपिक और सभासद के बीच हुआ विवाद

...गरमा गया नगर पालिका लिपिक और सभासद के बीच हुआ विवाद



शनिवार को फिर धरने पर बैठ गये नगर पालिका कर्मचारी व सफाई कर्मी

देव श्रीवास्तव
लखीमपुर-खीरी। सभासद और नगर पालिका लिपिक के बीच हुआ विवाद और भी गहरा गया है। मामले में नगर पालिका चेयरमैन के आश्वासन के दो दिन बाद नगर पालिका कर्मचारी व सफाई कर्मी सहित सभी वर्ग शनिवार को धरने पर बैठ गये। इनकी मांग है कि लिपिक के विरूद्ध दर्ज मुकदमे को वापस लिया जाये वहीं सभासद की गिरफ्तारी कर उसे जेल भेजा जाये।
19 फरवरी को नगर पालिका परिषद लखीमपुर में ईओ नगर पालिका के चैम्बर में टैक्स लिपिक वीरेन्द्र कुमार भारती और सभासद बहादुरनगर सौरभ सोनी के बीच मारपीट हुई थी, जिसके बाद पुलिस ने दोनों पर मुकदमा दर्ज कर दिया था। इस मामले में आक्रोशित कर्मचारी 20 फरवरी को धरने पर बैठे थे, जिसके बाद नगर पालिका चेयरमैन निरूपमा मौनी बाजपेई द्वारा कार्यवाही के लिये दो दिन का आश्वासन मिलने के बाद कर्मचारियों ने धरना खत्म कर दिया था। शनिवार की सुबह से ही नगर पालिका के समस्त कर्मचारी और सफाई कर्मचारी पुनः धरने पर बैठ गये। इनका आरोप है कि पुलिस द्वारा निष्पक्ष कार्यवाही नहीं की जा रही है। मामले में जो लिपिक नगर पालिका पर मुकदमा दर्ज हुआ है वह पूरी तरह फर्जी है, वहीं सभासद के विरूद्ध मुकदमा दर्ज होने के बावजूद गिरफ्तारी नहीं की जा रही है। इस दौरान संतोष वाल्मीकि, वीरेन्द्र भारती, जीतेन्द्र सिंह, राज वाल्मीकि, पप्पू उर्फ सरनदास, चंदनलाल वाल्मीकि सहित कई अन्य नेताओं ने धरने को सम्बोधित किया। सभी ने एक स्वर में सभासद के विरूद्ध तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए उसे जेल भेजने की बात कही। वहीं नगर पालिका लिपिक पर दर्ज फर्जी मुकदमे को वापस करने की मांग की।

मेरे ऊपर दर्ज फर्जी मुकदमा हो खारिज: वीरेन्द्र


नगर पालिका लिपिक और सभासद के बीच हुए विवाद को लेकर लिपिक वीरेन्द्र भारती ने शनिवार की दोपहर प्रेसवार्ता की। इस दौरान उन्होंने बताया कि मीडिया द्वारा एक पक्ष को ही छापा गया है और मेरे पक्ष को नहीं रखा गया है, जबकि 19 फरवरी को जब वह अपना काम कर रहे थे, उस दौरान उन्हें अधिशाषी अधिकारी नगर पालिका लखीमपुर आरआर अम्बेश ने अपने केबिन में बुलाया, जहां पहले से ही बहादुरनगर वार्ड के सभासद सौरभ सोनी मौजूद थे। उन्होंने अपने वार्ड को छोड़कर सिकटिहा वार्ड के किसी व्यक्ति की कर निर्धारण की लम्बित फाइल की बात कही। जिस पर लिपिक वीरेन्द्र द्वारा कहा गया कि कर निर्धारण का कार्य उनके द्वारा नहीं किया जाता है, यह कार्य राजस्व लिपिक के द्वारा किया जाता है, इस बात पर सभासद तिलमिला गये और मुझे मारने लगे, जैसे-तैसे मैं अपनी जान बचाकर वहां से भागा। इस सम्बन्ध में मीडिया द्वारा मेरा पक्ष नहीं रखा गया है। उन्होने मांग की कि सौरभ सोनी को जेल भेजा जाये और मेरे ऊपर दर्ज मुकदमे को खारिज किया जाये।

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