नेपाल पुलिस ने वतन वापसी पर लगाई रोक, जाने हंगामे के बाद क्या हुआ
बॉर्डर पर नेपाली नागरिकों का हंगामा,भारतीय अधिकारियों के अनुरोध पर मिली एंट्री
देव श्रीवास्तवलखीमपुर-खीरी। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच मंगलवार को एक बार फिर भारत-नेपाल सीमा के गौरीफंटा बॉर्डर पर अफरा-तफरी का माहौल रहा। एक साथ करीब डेढ़ हजार नेपाली नागरिकों ने वतन वापसी की कोशिश की जिस पर नेपाल पुलिस ने उन्हें रोक दिया। जिस पर नेपाली नागरिकों ने बॉर्डर पर हंगामा करना शुरू कर दिया। जिसके बाद खीरी जिला प्रशासन व पुलिस द्वारा की गई पहल के बाद नेपाली नागरिकों को स्क्रीनिंग कर नेपाल पुलिस में नेपाल में आने दिया। यह सब वही नेपाली नागरिक है जो भारत के अलग-अलग प्रदेशों में रोजी रोटी के लिए काम कर रहे हैं।
कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप एक कारण जहां भारत ने अपनी सभी राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय सीमाएं सील कर दी हैं। इसी तरह नेपाल ने भी अपनी सभी सीमाएं सील कर दी है। नेपाल में किसी भी नागरिक के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। ऐसे में मंगलवार को कुछ ऐसे नेपाली नागरिक गौरीफंटा बॉर्डर पहुंच गए जो भारत के अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग शहरों में या तो मजदूरी करते हैं या कोई और काम कर अपनी रोजी रोटी के कमा रहे हैं। भारत में काम कर रहे नेपाली नागरिकों को जब कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे के बीच सीमाओं के सील होने की खबर मिली तो ऐसे में सभी ने अपने वतन वापसी की कोशिश शुरू कर दी। यही कारण रहा कि मंगलवार को करीब डेढ़ हजार नेपाली नागरिक गौरीफंटा बॉर्डर पर पहुंच गए। अचानक इतनी बड़ी संख्या में लोगों के पहुंचने से नेपाल पुलिस के हाथ पैर फूल गए। जिसके बाद नेपाल पुलिस ने इन सभी के नेपाल में प्रवेश पर रोक लगा दी, बस फिर क्या था नेपाली नागरिकों ने बॉर्डर पर ही हंगामा शुरू कर दिया। यह खबर जब भारत के खीरी जिले के प्रशासनिक व पुलिस के आला अधिकारियों तक पहुंची तो उन्होंने मौके की नजाकत को भांपते हुए सीओ पलिया राकेश कुमार नायक पलिया तहसीलदार आशीष सिंह को मौके पर भेजा। जिसके बाद भारत की ओर से पहल करते हुए दोनों ही अधिकारियों ने नेपाल पुलिस अधिकारियों से अनुरोध किया। जिसके बाद नेपाल पुलिस ने एक-एक कर स्क्रीनिंग के बाद नेपाली नागरिकों को वतन में इंट्री दी। मामले पर जानकारी देते हुए सीओ राकेश कुमार नायक ने बताया कि जब उन्हें मामले की जानकारी हुई तो वे मौके पर पहुंचे। जिसके बाद उन्होंने नेपाल पुलिस के अधिकारियों से बात की और अनुरोध किया कि इन सभी नेपाली नागरिकों को वतन वापस आने दें। जिसके बाद नेपाल पुलिस ने स्क्रीनिंग कर नेपाली नागरिकों के वतन वापसी का सिलसिला शुरू कर दिया था।
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