क्या हुआ कि मायावती ने सात विधायकों को दिखाया पार्टी से बाहर का रास्ता
देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ- बिहार चुनाव की सरगर्मियां के बीच उत्तर प्रदेश की राजनीति में भी उतार-चढ़ाव दिखाई दे रहे हैं। राज्यसभा में अपने प्रत्याशी को लेकर कोई भी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ना चाहती हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश की राजनीतिक गलियारे में बड़ा उठापटक हुआ है। बसपा द्वारा पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर सात बागी विधायकों को निलंबित कर दिया गया। इसके बाद आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी शुरू हो गया है।
उत्तर प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी ने पार्टी विरोधी गतिविधियों के कारण अपने सात विधायकों को निलंबित किया है। आज एक विज्ञप्ति में बताया है कि इन सातों विधायकों पर समाजवादी पार्टी के संपर्क में रहने और राज्यसभा चुनाव में पार्टी उम्मीदवार के विरूद्ध वोट देने की योजना बनाई जा रही थी। बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि पार्टी ने भविष्य में होने वाले विधान परिषद चुनाव में समाजवादी पार्टी के उम्मीदवारों को हराने का निर्णय लिया है। उन्होंने इसके लिए समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की आलोचना भी की।
उत्तर प्रदेश राजनीति का एक बड़ा गढ़ माना जाता है ऐसे में यहां पर राजनीतिक पार्टियों के बीच हमेशा तलवारें खिंची रहती हैं इसी बीच बसपा के इस निर्णय ने राजनीति को एक बार फिर गर्म कर दिया है। वहीं इसके बाद से लगातार एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप के दौर भी चल रहे हैं।
पार्टी से किया निलंबित
असलम राइनी ( भिनगा-श्रावस्ती)
असलम अली (ढोलाना-हापुड़)
मुजतबा सिद्दीकी (प्रतापपुर-इलाहाबाद)
हाकिम लाल बिंद (हांडिया- प्रयागराज)
हरगोविंद भार्गव (सिधौली-सीतापुर)
सुषमा पटेल( मुंगरा बादशाहपुर)
वंदना सिंह -( सगड़ी-आजमगढ़)
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