मित्र फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष का मुंबई में किया गया अपमान, भाजपा ने जताई आपत्ति

मित्र फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष का मुंबई में किया गया अपमान, भाजपा ने जताई आपत्ति



देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क

दिल्ली- महाराष्ट्र सरकार विवादों से निकलने की बजाय आए दिन नए विवाद बनाने में जुटी है। अभी सुशांत सिंह केस से सुर्खियों में चल रही महाराष्ट्र सरकार में विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे साधुओं की हत्या का मामला हो या फिल्म इंडस्ट्री में खुलेआम बेची जा रही ड्रग्स, इन सभी मामलों में महाराष्ट्र की उद्धव सरकार बैकफुट पर दिखाई दे रही है। वहीं इसी बीच भारत के सबसे प्रिय मित्र फ्रांस में हुई जिहाद के बाद भारत के प्रधानमंत्री द्वारा फ्रांस के समर्थन की बात कहे जाने के कुछ ही समय बाद मुंबई की सड़कों पर फ्रांस के राष्ट्राध्यक्ष का अपमान किया गया। यह किन लोगों द्वारा किया गया इसका खुलासा तो नहीं हुआ है परंतु ऐसा किया जाना उद्भव सरकार को एक बार फिर कटघरे में खड़ा कर रहा है। इस मामले के बाद भाजपा के तमाम दिग्गज नेताओं ने मामले पर उद्धव-सोनिया सरकार को घेरते हुए कटाक्ष किए हैं।



मुंबई की सड़कों पर फ्रांस के राष्ट्रपति की फोटो को सड़क पर चिपका दिया गया। जिसके बाद उस पर से तमाम वाहन निकलकर जाते हुए दिखाई दे रहे हैं। ऐसा एक वीडियो भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने अपने ट्विटर हैंडल पर साझा किया है और उसके साथ ही उन्होंने अपनी तीखी प्रतिक्रिया भी दी है। उन्होंने लिखा है कि "महाराष्ट्र सरकार यह आपके सरकार के राज में क्या हो रहा है भारत आज फ्रांस के साथ खड़ा है जो जिहाद प्रांत में हो रहा है उस आतंक के खिलाफ हिंदुस्तान के प्रधानमंत्री ने फ्रांस के साथ मिलकर लड़ने की प्रतिज्ञा की है फिर मुंबई की सड़कों पर फ्रांस के राष्ट्रपति का अपमान क्यों?"


और यह बात इसलिए भी लोगों के हलक के नीचे नहीं उतर रही क्योंकि आप सभी जानते होंगे कि फ्रांस हमारा ऐसा परम मित्र है, जिसने हर परिस्थिति में हमारा साथ दिया। आज फ्रांस की दोस्ती के कारण ही हम बहुत से क्षेत्रों में आगे बढ़ सके हैं। जिनमें आधुनिक हथियारों की टेक्नोलॉजी भी है। साथ ही राफेल विमान जिसने दुश्मनों के पसीने छुड़ा दिए वह भी फ्रांस से ही हमें मिला है। ऐसे मित्र देश के राष्ट्राध्यक्ष का अपमान अगर मुंबई या कहें भारत में हो रहा है तो यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और इस पर आपत्ति जाहिर होना भी लाजमी है। कई बड़े नेताओं ने इस बात पर भी हैरानी जाहिर की है कि ऐसे क्या कारण है कि महाराष्ट्र की उद्धव सरकार इन मामलों में चुप्पी साधे हुए हैं जबकि ऐसे मामलों में त्वरित कार्रवाई करते हुए दोषियों को जेल की सलाखों के पीछे भेज देना चाहिए। हालांकि खबर लिखे जाने तक महाराष्ट्र सरकार की ओर से कोई भी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।

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