बाघ के नाम का आतंक और पकड़ी गई मादा तेंदुआ
देव श्रीवास्तव केडीएस न्यूज़ नेटवर्क
लखीमपुर-खीरी। धौरहरा वन रेंज के अंतर्गत लगातार बाघ की चहल कदमी और हमले की जो खबरें आ रही थी उन पर गुरुवार को विराम लग गया। जब वन विभाग द्वारा लगाए गए पिंजरे में मादा तेंदुआ कैद हो गई। पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में वन विभाग द्वारा रिकॉर्ड की गई है। वहीं गुरुवार को मौके पर पहुंचे पशु चिकित्सक धौरहरा डॉ. मुकेश गुप्ता व निघासन पशु चिकित्सक डॉ. अवधेश वर्मा ने तेंदुए के आदमखोर न होने की पुष्टि की है। जिसके बाद उसे गुरुवार को भीरा के जंगलों में छोड़ दिया गया।
धौरहरा वन रेंजर अनिल शाह ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि लगातार हो रहे पशुओं के हमले को लेकर बाघ के होने की जो सूचना वन विभाग के अधिकारियों को दी गई थी। उसे लेकर वन विभाग ने पिंजरे और कैमरे लगाए थे इन पिंजरे में अब तक 3 मादा तेंदुए पकड़े जा चुके हैं। यह तीसरा मादा तेंदुआ था जिसे बुधवार की रात पिंजरे में फसाया गया, हालांकि डॉक्टरों के परीक्षण में यह आदमखोर नहीं निकला है, इसीलिए इसे भीरा के जंगलों में छोड़ा जा रहा है। वन विभाग की टीम द्वारा रात दिन निगरानी की जा रही थी। नाइट विजन कैमरे लगाए गए थे, इन कैमरों में वन विभाग की टीम ने तेंदुए को कैप्चर भी किया है। अभी भी ग्रामीणों की शंका को देखते हुए वन विभाग पूरी तरह मुस्तैद है और अधिक तेंदुए होने की शंका के मद्देनजर अभी भी कैमरे चल रहे हैं और साथ ही पिंजरे भी कई जगह पर लगाए गए हैं अभी तक बाघ के हमले की पुष्टि नहीं हुई है और पकड़े गए तेंदुए के आदमखोर होने की भी पुष्टि नहीं हुई है हालांकि पूरा मामला उच्चाधिकारियों के संज्ञान में है अभी और परीक्षण भी कराया जा सकते हैं।
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