मानव ही नहीं, देवता भी श्रोता बनकर श्री राम कथा का श्रवण करने हैं

मानव ही नहीं, देवता भी श्रोता बनकर श्री राम कथा का श्रवण करने हैं




शिव मंदिर में चल रही पांच दिवसीयश्री राम कथा में लखनऊ से आये कथाव्यास पूज्य चंद्रशेखर जी ने भक्तों को दिया प्रवचन


पंकज कश्यप/सतेन्द्र के डी एस न्यूज़ नेटवर्क

सिधौली सीतापुर । भण्डिया क्षेत्र के ग्राम भटखेरवा शिव मंदिर में चल रही पंच दिवसीय श्री राम कथा मे लखनऊ से पधारे कथाव्याश पूज्य चन्द्रशेखर जी महाराज ने भक्तों के बीच प्रवचन देते हुए कहा कि राम कथा अमृत रस है। इसका पान करने वाले जीवन में सही मार्ग को चुनते हैं। उनका सदा कल्याण होता है। मानव ही नहीं, देवता भी श्रोता बनकर श्री राम कथा का श्रवण करने को आतुर रहते हैं। इस संदर्भ में उन्होंने कुंभज ऋषि द्वारा सुनाई गई राम कथा का शिव व पार्वती के श्रवण का प्रसंग बताया। त्रेता युग के पुष्पक विमान व आज के वायुयान में अंतर को बताते हुए कहा कि त्रेता युग के पुष्पक विमान की क्षमता अनोखी थी। जितने भी लोग सवार हो जाएं, एक सीट खाली रह जाती थी। उस विमान में ईधन नहीं भरा जाता था। आज का वायुयान वायुमंडल को प्रदूषित करता है। साथ ही उसमें महंगा ईधन भरा जाता है। श्री राम का नाम सीधा या उलटा जपने का कोई विभेद नहीं है। वाल्मीकि जी दस्यु थे, जिनका पूरा समय मार काट में बीता था। परंतु, उलटा नाम लगातार जपते- जपते वे ऋषि बन गए। बाबा अशोक दास ने कहा की वर्तमान में प्रभु श्री राम का नाम जपने से ही मनुष्यों को सारे फल की प्राप्ति हो जाएगी। व्याश हरिकेश ने कहा कि भगवान की आराधना के लिए स्वच्छ व पवित्र मन की जरूरत है। यह धरती स्वर्ग से भी सुंदर है। यही कारण है कि स्वर्ग के देव भी धरती पर आने को तरसते हैं। इस अवसर पर मास्टर राम प्रवेश यादव  लवलेश कुमार यादव  मनोज कुमार कमलेश कुमार  सुंदरलाल  जगदीश मोहन सिंह बलुइया से एवं सत्येंद्र कुमार  धर्मेंद्र आशीष अंकित प्रांशी शिवानी राहुल  भानु प्रताप  सहित  सैकड़ों की संख्या में भक्तगण उपस्थित रहे .प्रवचन को सुनने के लिए श्रोताओं की भारी भीड़ उमड़ रही है।

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