एक मजबूर पत्नी के लिए फरिश्ता बन गई हरदोई की प्रियंका और निहारिका

एक मजबूर पत्नी के लिए फरिश्ता बन गई हरदोई की प्रियंका और निहारिका


अपने दोस्त से अश्वनी से दिलवाया मजबूर महिला के पति को खून


फैज़ी खान केडीएस न्यूज़ नेटवर्क
लखनऊ / हरदोई- इंसानियत के लिये मिसाल है रक्तदान करने वाले, सीमा की बेड़ियां तोड़ पहुंचा रहे मदद...



रक्तदान महादान कहा जाता है, क्योंकि इंसान को बचाने के लिए जो शख्स अपने रक्त को दान करता है वो इंसानियत की सबसे बड़ी मिसाल है. रक्त देने वाला किसको रक्त दे रहा है या किसको दिया जाएगा ये कई बार नहीं भी मालूम होता है. बावजूद इसके हमारे समाज के कई ऐसे इंसान रूपी फ़रिश्ते है जो इस महादान में पूरी तरह समर्पित हो चुके है और अब उन्हें ज़िले या राज्य की बेड़ियां भी रोक नहीं पाती. इस फेहरिस्त में कई जिलों तक रक्त की आपूर्ति कराने वाली प्रियंका रक्तदानी हो या किसी दर्द में मुब्तिला शख्स की आह सुन कर मदद को आने वाली निहारिका या  अश्विन जैसे लोग या वो लोग जो हमेशा ही लोगों की मदद करने के लिए दिन रात और  सीमाओं की बाध्यता उनके आड़े नही आती बधाई के पात्र है.
रक्तदान से जुड़ा हुआ ही एक मामला देर रात एसजीपीजीआई से आया सुल्तानपुर के रहने वाले राजेन्द्र कुमार श्रीवास्तव को   डायलिसिस के लिए  B neg ब्लड की  आवश्यक्ता थी, कहीं से भी जब रक्त नही मिला तो सिमरन श्रीवास्तव ने सोशल मीडिया के माध्यम से मदद मांगी. जानकारी हरदोई की बेटी प्रियंका रक्तदानी को हुई तो अंजान शख्स की मदद को भी वो आगे आई वो भी जिले की सीमा की बाध्यता को भूल कर, अपनी साथी हरदोई की एक और बेटी निहारिका सिंह से बात की उन्होंने पीड़ित के दर्द को समझा और उनकी कोशिश से उनके साथी अश्वनी ने एसजीपीजीआई जा कर रक्तदान किया. वाकई ऐसे लोग इंसान रूपी फ़रिश्ते है जो बिना स्वार्थ बिना किसी सियासत के ज़रूरतमंद तक मदद पहुंचा रहे ताकि उनकी जान महफ़ूज़ रह सके. हमारा समाज और सर्कल की पूरी टीम ऐसे वीर योद्धाओं को दिल से सलाम करती है.

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